प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने रविवार को केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना का शुभारम्भ बलिया से
करते हुए कहा कि गरीबों की जिंदगी बदलना सरकार का लक्ष्य है। अभी तक जितनी भी
योजनाएं बनीं, केवल मतपेटी को ध्यान में रखकर बनायी गयीं। केन्द्र में पहली ऐसी सरकार है
जो गरीबों की जिंदगी बदलने का काम कर रही है। खुद को देश का मजदूर नम्बर एक बताते
हुए प्रधानमंत्री ने मजदूरों की एका के लिए नया नारा भी दिया। इससे पहले मोदी ने
बीपीएल परिवारों की दस महिलाओं को अपने हाथों से एलपीजी कनेक्शन दिये।
शहर से सटे माल्देपुर मोड़
स्थित विशाल मैदान में लाखों की भीड़ के बीच मोदी ने एक मई का जिक्र करते हुए कहा
कि गरीबी से जूझ रहा हर व्यक्ति मजदूरी कर रहा है। गरीबी हटाने का नारा तो बहुत
दिया गया लेकिन गरीबों का ध्यान नहीं दिया गया। वोट बैंक को ध्यान में रखकर गरीबों
की योजना बनाने से बात नहीं बनेगी। गरीबों को हौसला देना होगा। उनके लिए शिक्षा, रोजगार,
शौचालय, पेयजल के इंतजाम करने होंगे। मोदी ने
कहा, दुनिया में पहले एक नारा चलता था। दुनिया के मजदूरों एक
हो जाओ। उस नारे में राजनीति की बू आती थी। आज 21वीं सदी में
दुनिया को जोड़न की जरूरत है। इसलिए नये नारे की जरूरत है। हम कहें 'विश्व के मजदूरों आओ हम दुनिया को एक करें।'
पहली बार पांच करोड़ गरीबों
के लिए योजना
मोदी ने उज्ज्वला योजना की तारीफ करते हुए कहा कि देश में पहली बार
कोई ऐसी योजना लांच हो रही है जो पांच करोड़ गरीबों के लिए है। पेट्रोलियम
मंत्रालय कभी गरीबो का नहीं माना गया लेकिन पहली बार इसी मंत्रालय से गरीबों के
लिए इतनी बड़ी योजना शुरू हो रही है। तीन साल में पांच करोड़ परिवारों में रसोई
गैस पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। 2019 में जब महात्मा गांधी की
150वीं जयंती होगी तब तक गरीबों के घर में कनेक्शन पहुंच
चुके होंगे।
चुनाव का बिगुल बजाने नहीं
आया
इतनी बड़ी योजना का शुभारम्भ बलिया से करने के पीछे राजनीतिक
निहितार्थ निकालने तथा इसे 2017 के विधानसभा चुनाव से जोड़ने
वालों को भी मोदी ने आड़े हाथों लिया। कहा कि दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों को इसमें
भी राजनीति दिख रही है। साफ किया कि हम यहां कोई चुनावी बिगुल बजाने नहीं आये हैं।
चुटकी लेते हुए कहा कि चुनाव का बिगुल तो मतदाता बजाते हैं। बलिया से योजना के
शुभारम्भ में अपने तर्क भी गिनाये। कहा कि यहां रसोई गैस का औसत बेहद कम है। यहां
गरीबी के नीचे जीने वाले 100 में से आठ परिवारों के पास ही
रसोई गैस है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि झारखंड व मध्यप्रदेश से भी हमने योजनाएं
शुरू कीं। हरियाणा से बेटी बचाओ अभियान का शुभारम्भ किया। वहां तो कोई चुनाव नहीं
है। बलिया में इसलिए आया हूं कि हमें गरीबी के खिलाफ लड़ना है। पूर्वी हिन्दुस्तान
यदि पश्चिमी की बराबरी कर ले तो इस देश से गरीबी खत्म हो जायेगी।
गहमरी के नाम लेकर
पूर्वांचल का दर्द रखा
मोदी ने गाजीपुर के पूर्व सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी के बहाने
पूर्वांचल की पीड़ा को उजागर किया। कहा कि यूपी ने अनेक प्रधानमंत्री दिये। फिर
क्या कारण है कि यहां गरीबी बढ़ती गयी। गहमरी जी ने जब नेहरू को पूर्वी यूपी की हालत
बतायी तो पटेल समिति का गठन हुआ। समिति की सिफारिशों में एक था
ताड़ीघाट-गाजीपुर-मऊ रेल मार्ग का निर्माण। लेकिन पचास सालों बाद भी हालात नहीं
बदले। पहली बार पूर्वी यूपी में विकास में तेजी आयी है। गाजीपुर से ताड़ीघाट-बारा
पुल के लिए बजट का इंतजाम किया गया है। इसके लिए पीएम ने मंच पर बैठे रेल राज्य
मंत्री मनोज सिन्हा को बधाई भी दी। कहा कि मुझे गर्व है कि यूपी ने लोकसभा चुनाव
में हमें आशीर्वाद दिया। पिछली सरकार ने यूपी के विकास में जितना काम नहीं किया,
उससे ज्यादा राशि यहां केन्द्र सरकार लगा रही है।
हर दिन तीन गांवों में
बिजली
मोदी ने कहा कि एक हजार दिन में देश के सभी गांवों में बिजली
पहुंचाने का संकल्प लाल किले से लिया था। आजादी के इतने सालों बाद भी देश के 18
हजार गांव ऐसे हैं, जहां बिजली का खंभा नहीं
पहुंचा। यूपी में ऐसे गांवों की संख्या 1529 थी। महज 250
दिनों में ही हमने यूपी के 1326 गांवों में
बिजली पहुंचा दी है। आज औसतन एक दिन में तीन गांवों में बिजली पहुंचाने का काम हो
रहा है।
गंगा को गंदा नहीं करने का
दिलाया संकल्प
गंगा नदी के किनारे पर ही आयोजित इस सभा में मोदी ने स्वच्छता मिशन
पर भी जोर दिया। कहा कि गंगा सफाई अभियान जनता की भागीदारी से ही सफल होगा। जन-जन
को इसके लिए संकल्प लेना होगा। उन्होंने लोगों को कभी भी गंगा को गंा नहीं करने का
संकल्प भी दिलाया।
मजूदरों की बेहतरी को बदले
कानून
खुद को मजदूर नम्बर वन बताते हुए मोदी ने कहा कि मजदूरों के लिए काम
करना मेरी प्राथमिकता है। उनकी हालत सुधारने की दिशा में किये जा रहे कामों को भी
गिनाया। कहा कि पहले मजदूरों को 15 से 20 रुपये पेंशन मिलती थी। हमने इसे न्यूनतम एक हजार कर दिया। पहली बार
श्रमिकों की पहचान के लिए एक यूनिक नम्बर दिया गया। पूरे देश में श्रमिकों को रोजगार
के अवसर मिल सकें, इसके लिए एक वेबसाइट शुरू की गयी। बोनस की
न्यूनतम सीमा 3500 से बढ़ाकर सात हजार रुपये की। कहा कि काम
के सिलसिले में श्रमिकों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाने पर पीएफ का पैसा
नहीं मिलता था। मजदूरों के हित में इसे बदल दिया। सबसे अधिक मजदूर निर्माण कार्य
में हैं। इनकी देखभाल की व्यवस्था नहीं थी। इनके लिए बीमा, पेंशन,
स्वास्थ्य की सेवाएं दी गयी हैं।
सब्सिडी छोड़ने वालों के
लिए बजायी ताली
अपने एक आह्वान पर एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वालों की तारीफ करते हुए
मोदी ने खुद को ताली बजायी ही, लोगों से भी बजवाई। कहा कि एक
बार दिल से आवाज निकली। अचानक ही सब्सिडी छोड़ने का आह्वान कर दिया। न कोई योजना
बनायी थी और न नही कोई फालोअप किया। लेकिन देश की तरक्की के लिए देश के लोग सरकार
से भी दो कदम आगे बढ़ गये। एक करोड़ दस लाख लोगों ने अबतक सब्सिडी छोड़ दी है।
हमने कहा था कि जो गरीबों के लिए सब्सिडी छोड़ेगा, वो पैसे
गरीबों की रसोई में जायेगा। उसी वचन को हम उज्ज्वला योजना के माध्यम से पूरा कर
रहे हैं।
मेरी मां भी धुएं में खाना
बनाती थी
एक गरीब मां जब लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती है तो एक दिन में
उसके शरीर में चार सौ सिगरेट के बराबर धुआं पहुंच जाता है। जो बच्चे घर में होते
हैं, उन्हें भी धुएं का कोप सहना पड़ता है। मोदी ने अपने
बचपन की बातों को साझा किया। कहा कि मैंने भी इस तरह के माहौल को जीया है। हम भी
एक कमरे में रहते थे। कोई खिड़की भी नहीं थी। मां खाना बनाती थी तो कभी-कभी धुआं
इतना होता था कि बगल में बैठकर खाते समय हम मां को भी देख नहीं पाते थे। इसलिए
हमने गरीब माताओं को इस कष्ट से मुक्ति दिलाने का फैसला किया है।
भोजपुरी में की भाषण की
शुरूआत
मोदी ने भाषण की शुरूआत भोजपुरी में ही अभिवादन करते हुए की।
कहा कि 'भृगु बाबा की धरती पर रउवा सब के प्रणाम। इ
धरती भृगुजी की भूमि ह, ब्रह्मा जी भी इहां जमीन पर उतरले,
भगवान रामजी यहीं से विश्वामित्र के साथ गईले। हाथ जोड़कर फिर से
रउवा सबके प्रणाम।' कहा कि देश को आजादी दिलाने के लिए इसी
धरती के मंगल पांडे, चित्तू पांडे का एक ऐसा सिलसिला शुरू
हुआ जो आगे भी जारी रहा। हर पीढ़ी में हर समय देश के लिए जीने-मरने वाले लोग इस
बलिया ने दिये हैं। मोदी ने भाषण की शुरूआत में बलिया के स्वाभिमान, गौरव व सम्मान को नमन किया। कहा कि इस धरती से पूर्व पीएम चंद्रशेखर का
नाम जुड़ा है। यही धरती है जिसका सीधा नाता जयप्रकाश नारायण से है। एक से बढ़कर एक
दिग्गज जिस धरती ने दिये, उस धरती को शत-शत नमन।
ये भी रहे मौजूद
उज्ज्वला योजना के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित समारोह में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मंच पर राज्यपाल रामनाईक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, लघु व मध्यम
उद्योग मंत्री कलराज मिश्र,रेल राज्य मंत्री मनोज सिंहा,
यूपी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री रामगोविन्द चौधरी,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, बलिया
के सांसद भरत सिंह, सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा,
घोसी के सांसद हरिनारायण राजभर, पेट्रोलियम
सचिव केडी त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। संचालन मनीषा दूबे ने किया।